यूपी पुलिस के अधिकारी पर हत्या का आरोप, "तलाश में महकमे की ही टीमें"
पुलिस ने अभी तक आरोपी एसपी या अन्य पुलिस से पूछताछ नहीं की है जिनके नाम एफआईआर में दर्ज हैं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज दावा किया कि एसपी "अनुपलब्ध" थे और पुलिस की टीमें उनकी तलाश में हैं.
उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस अधिकारी पर हत्या का आरोप है. एक व्यापारी ने इस पुलिस अधिकारी पर हत्या धमकी देने और फिरोती मांगने गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके 24 घंटे के अंदर की व्यापारी पर हमला हुआ और कानपुर के अस्पताल में उनकी मौत गई. आरोपी पुलिस अधिकारी का नाम मणिलाल पाटीदार है जो कि महोबा जिले के पूर्व एसपी थे. व्यापारी की गर्दन में गोली लगी थी और उनकी कार महोबा टाउन के हाईवे पर मिली थी, अस्पताल में गंभीर हालात में उनकी मौत हुई.
पाटीदार, जिन्हें पिछले सप्ताह यूपी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित कर दिया था, पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जबरन वसूली के आरोप ये कार्रवाई की गई थी. मृत व्यवसायी के परिवार की एक शिकायत के आधार पर, बाद में इस एसपी पर हत्या और साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. लेकिन इस अधिकारी को अभी तक किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है.
पुलिस ने अभी तक उनसे या अन्य पुलिस से पूछताछ नहीं की है जिनके नाम एफआईआर में दर्ज हैं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज दावा किया कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) "अनुपलब्ध" थे और पुलिस की टीमें उनकी तलाश में हैं.
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अतिरिक्त महानिदेशक (प्रयागराज जोन) प्रेम प्रकाश ने मीडिया को बताया. "... जब से व्यवसायी की मृत्यु हुई है, हत्या के प्रयास के मामले से यह अब हत्या का मामला बन जाएगा. हम उन्हें पूछताछ के लिए लाएंगे क्योंकि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, (लेकिन) क्योंकि वह (एसपी) उपलब्ध नहीं है. हमने उनकी और एफआईआर में दर्ज अन्य नाम के लोगों की तलाश के लिए एक टीम भेजी है. हम उनसे सवाल करेंगे, "
इंद्रकांत त्रिपाठी के रूप में पहचाने जाने वाले कारोबारी को गोली किसने मारी यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है या हाइवे पर उसकी ऑडी के अंदर उसकी गर्दन में गोली लगने से वह कैसे खत्म हो गया, ये भी बड़ा सवाल है.
खनन के लिए विस्फोटकों का सौदा करने वाले त्रिपाठी ने अपनी मृत्यु से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उसने पाटीदार पर भ्रष्टाचार, धमकी और डराने के आरोप लगाए और कहा कि अगर वह किसी भी तरह से मर गए तो अधिकारी को दोषी ठहराया जाना चाहिए.
पानीपत में अपहरण और यौन-उत्पीड़न (Sex Assault) के आरोपी का हाथ कटने के मामले में नया पहलू सामना आया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक, हरियाणा में सात साल के बच्चे का उत्पीड़न और अपहरण करने के मामले में 28 वर्षीय आरोपी का हाथ फरार होने के दौरान कटने की आशंका है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जब बच्चे को उसके परिवार ने बचाया तो भागने के दौरान आरोपी जख्मी हो गया हो. हालांकि, इस शख्स के भाई का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर इस मामले को हादसा बताने की कोशिश कर रही है.
इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है. एक केस उत्तर प्रदेश के रहने वाले इखलाक के खिलाफ दर्ज किया गया जबकि दूसरा केस आरोपी के भाई की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. इखलाक ने जीआरपी को बताया था कि "वह एक मुस्लिम है, कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और उसका हाथ काट लिया."
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सतीश कुमार वत्स ने बयान में कहा, "23-24 अगस्त की दरमियानी रात में 28 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर सात साल के बच्चे को किडनैप किया और उसका यौन-उत्पीड़न किया, जब वह अपने परिवार के साथ सो रहा था. परिवार के मुताबिक, उन्होंने बच्चे को बचाया और आरोपी को पकड़ लिया. हालांकि, वह भागने में कामयाब रहा."
वत्स ने कहा कि 24 अगस्त को रेलने पुलिस को ट्रैक के पास इखलाक मिला. उसका हाथ कटा हुआ था. उसने कहा कि "वह नौकरी की तलाश में पानीपत आया था और कुछ लोगों को जब यह पता चला कि वह मुस्लिम है तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया और हाथ काट लिया. जीआरपी अधिकारियों ने हमसे संपर्क किया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे पीजीआई भेज दिया गया."
वत्स ने कहा कि हो सकता है कि जब परिवार ने बच्चे को बचाया तो भागने के दौरान आरोपी जख्मी हो गया हो."





























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